द पब्लिकेट, महाराष्ट्र। महाराष्ट्र कैडर की 2022 बैच की IAS अधिकारी, डॉ. पूजा खेडकर, एक बड़े विवाद में फंस गई हैं। उन पर UPSC को गुमराह करने का गंभीर आरोप है। उन्होंने विकलांगता और OBC के फर्जी प्रमाणपत्र जमा करके चयनित होने का प्रयास किया।

डॉ. खेडकर को बार-बार मेडिकल जांच के लिए बुलाया गया, लेकिन उन्होंने बहाने बनाकर इसे टाल दिया। अंततः उन्हें नकली विकलांगता प्रमाणपत्र के आधार पर नियुक्ति मिली, जो अब संदेह के घेरे में है।

उन्होंने पुणे में परिवीक्षा के दौरान विशेष सुविधाओं की मांग की, जिसमें अलग कार्यालय, घर, कार, और स्टाफ शामिल थे। उनके पिता, एक सेवानिवृत्त IAS अधिकारी, पर आरोप है कि उन्होंने अपने प्रभाव का उपयोग करके इन मांगों को पूरा कराया।

RTI अधिकारी के अनुसार डॉ. खेडकर के पिता पास 40 करोड़ की संपत्ति है। इसके अलावा ये भी आरोप है की डॉ खेदकर के पास खुद 17 करोड़ रुपए की संपत्ति है।

डॉ. खेड़कर के पिता, दिलीप खेड़कर, प्रकाश अंबेडकर के नेतृत्व में वंचित बहुजन आघाड़ी (VBA) के उम्मीदवार के रूप में अहमदनगर लोकसभा चुनाव में असफल रहे।

RTI कार्यकता ने ये भी दावा किया है की डॉ खेदकर के माता पिता के पास 110 एकड़ भूमि, 7 फ्लैट, 900 ग्राम सोना, 17 लाख रुपए की सोने की घड़ी और 4 कार है।
इसके अलावा, उन्होंने अपने निजी ऑडी पर ‘महाराष्ट्र सरकार’ का स्टिकर और लाल-नीली बत्ती का उपयोग किया। उनकी नियुक्ति के दौरान मानसिक बीमारी और OBC प्रमाणपत्र के फर्जी होने के आरोप भी लगे हैं।

इस विवाद के चलते, उन्हें पुणे से वाशिम जिले में स्थानांतरित कर दिया गया है, जहां वे अपनी शेष प्रशिक्षण अवधि पूरी करेंगी। केंद्र सरकार ने उनकी जांच के लिए एक समिति का गठन किया है, जो दो सप्ताह में अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी।

RTI कार्यकर्ता विजय कुंभारे ने इस मामले की गहराई से जांच की मांग की है। उन्होंने आरोप लगाया कि डॉ. खेडकर ने OBC श्रेणी के तहत UPSC परीक्षा पास की, जबकि उनके पिता की संपत्ति काफी अधिक है, जिससे वे इस श्रेणी में नहीं आते।

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