भारतीय मेडिकल कॉलेजों के लिए नई स्थिति

द पब्लिकेट से मनस्वी राठौर।
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार, 8 जुलाई को NEET-UG 2024 की परीक्षा को रद्द करने को “आखिरी विकल्प” बताया। यह फैसला तब आया जब परीक्षा की पवित्रता और ईमानदारी पर सवाल उठाए गए थे। NEET-UG 2024 भारत में मेडिकल कॉलेजों में दाखिले के लिए महत्वपूर्ण परीक्षा है।

भारत के मुख्य न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ ने कहा कि इस परीक्षा में 23 लाख से ज्यादा छात्रों का भविष्य जुड़ा हुआ है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि प्रश्नपत्रों का लीक होना और परीक्षा की विश्वसनीयता से समझौता करना “बिल्कुल अस्वीकार्य” है।

यह फैसला दिखाता है कि कोर्ट समझता है कि NEET-UG 2024 को रद्द करने का निर्णय छात्रों के भविष्य पर गहरा असर डाल सकता है। कोर्ट ने यह सुनिश्चित करने की कोशिश की है कि परीक्षा की सत्यता और निष्पक्षता बनी रहे और छात्रों की पढ़ाई में कोई बाधा न आए।

सुप्रीम कोर्ट ने NEET-UG 2024 परीक्षा में हुए लीक के मुद्दे पर गहरा विचार किया है। मुख्य न्यायाधीश चंद्रचूड़ ने परीक्षा की पवित्रता पर सवाल उठाया और लीक के प्रकार और उसके प्रभाव को जांचने की मांग की है। उन्होंने कहा कि अगर यह साबित होता है कि परीक्षा में अन्याय हुआ है, तो री-एग्जाम का विचार करना चाहिए।

सोलिसिटर जनरल ने स्थानिक दोषपूर्ण गतिविधियों के उदाहरण दिए और उम्मीदवारों के असामान्य उच्च स्कोर्स पर चिंता जताई। कोर्ट ने राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (NTA) से पूरी जानकारी मांगी है और सीबीआई से जांच कर रही है। इसके अलावा, भविष्य में इस तरह की समस्याओं से बचाव के लिए एक बहु-विज्ञानी समिति की स्थापना का सुझाव भी दिया गया है।

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