द पब्लिकेट, इंदौर। धार भोजशाला मामले मे इंदौर हाई कोर्ट में जैन समाज द्वारा लगाई गई याचिका खारिज कर दी गई है। 5 जुलाई को जस्टिस प्रणय वर्मा की बेंच मे करीब 2 मिनट सुनवाई चली, जिसमें कोर्ट ने याचिका यह कहकर बर्खास्त कर दी की याचिका सही फॉर्मैट मे नहीं दी गई थी। कोर्ट ने यह भी सवाल किया है की मामले मे इतने समय बाद क्यों जैन समाज द्वारा याचिका दायर की गई।
याचिका बर्खास्त होने के बाद जैन समज के याचिककर्ता ने यह बात कही है की वह फिर से सही फॉर्मैट मे याचिका दायर करेंगे।
जैन समाज की याचिका मे यह दावा किया गया था की भोजशाला मे हुए ASI सर्वे मे मिली सरस्वती देवी (वाग्देवी) की मूर्ति असल मे उनकी अंबिका देवी की है। साथ ही उनका यह भी कहना है की भोजशाला की जगह जैन गुरुकुल था। जैन समाज ने मूर्तिया उन्हे सोपने की मांग भी कोर्ट मे रखी है।
बता दे इंदौर हाई कोर्ट ने 4 जुलाई को हुई सुनवाई मे ASI को 15 जुलाई तक किसी भी हाल मे सर्वे रिपोर्ट पेश करने के आदेश दिया था। ASI की रिपोर्ट आने के बाद ही यह साफ हो पाएगा की भोजशाला हिन्दू पक्ष को दि जाएगी या मुस्लिम पक्ष को दी जाएगी।