द पब्लिकेट। AIMIM सांसद असदुद्दीन ओवैसी के संसद में सपथ के दौरान लगाये गए जय फिलिस्तीन के नारे से बड़ा धमासान मचा गया है।
इस वजह से उनकी सदस्य्ता खतरे में आ गई है। सुप्रीम कोर्ट के वकील विनीत जिंदल और वकील हरिशंकर जैन ने संविधान के आर्टिकल 102 और 103 का उद्धरण देकर राष्टपति को चिट्टी लिख ओवैसी की सदस्य्ता रद्द करने की मांग की है।
आर्टिकल 102 के तहत अगर कोई संसद में किसी दूसरे देश के प्रति निष्ठां दिखता है तो उस सदस्य की सदस्य्ता जा सकती है। अपने बचाव में ओवैसी ने कहा की “मुझे भी संविधान के बारे में पता है ,ये धमकिया मुझ पर कोई असर नहीं करेंगी”। ओवैसी का कहना है की सांसद में बोलना उनका अधिकार है।बयान के विरोध में ओवैसी के दिल्ली निवास के नेमप्लेट पर काली स्याही फेंकी और इसराइल के पोस्टर भी लगाए गए जिसमे लिखा था ओवैसी की संसदीय सदस्य्ता रद्द की जाये।