- NEET पेपर लीक मामले में अन्य आरोपियों के खिलाफ जांच जारी
द पब्लिकैट, मनस्वी राठौर। बिहार के समस्तीपुर जिले में NEET परीक्षा के पेपर लीक मामले में एक नया मोड़ आया है। इस मामले में आरोपी अनुराग यादव ने एक नया दावा किया है, जिसके अनुसार उन्हें परीक्षा से पहले प्रश्नपत्र और उत्तर कुंजी का पता था। उन्होंने बताया कि उनके फूफा सिकंदर यादवेंद्र ने प्रश्नपत्र का आयोजन करवाया था और उन्हें उसी प्रश्नपत्र का प्रदान किया गया था, जिसे उन्हें परीक्षा से एक दिन पहले मिला था। उन्होंने इसे भी स्वीकार किया कि उन्हें सरकारी गेस्ट हाउस में रुकने की सिफारिश की गई थी, जिससे उन्हें प्रश्नपत्र के साथ-साथ उत्तर भी याद करने का समय मिला।
मामले में अन्य आरोपित व्यक्तियों अमित और नीतिश के नाम भी सामने आए हैं, जिन्होंने भी परीक्षा से पहले प्रश्नपत्र का लीक करने में भागीदारी की थी। सिकंदर यादवेंद्र को पहले ही इस मामले में गिरफ्तार किया गया था और उनके बयान के बाद कई अन्य उम्मीदवारों को भी गिरफ्तार किया गया है।
इस मामले में पुलिस ने गहराई से जांच जारी की है और सभी आरोपी व्यक्तियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा रही है। अनुराग यादव को भी पुलिस ने गिरफ्तार किया है, जिन्होंने अपने बयान में इस लीकेज का स्वीकार किया है।
धांधली की योजना: NEET परीक्षा के पेपर लीक करने के लिए गहरा साजिश रची गई
अनुराग ने बताया कि उनके फूफा सिकंदर यादवेंद्र ने दानापुर में जूनियर इंजीनियर के रूप में काम किया है और उन्होंने उन्हें बताया था कि NEET परीक्षा का पेपर लीक हो गया है।
56 साल के सिकंदर यादवेंद्र ने पुलिस को बताया कि उनकी दोस्ती अमित आनंद और नीतीश कुमार से नगर परिषद कार्यालय में हुई। दोनों के साथ उनकी मुलाकात के बाद वे NEET परीक्षा से पहले अमित आनंद और नीतीश कुमार से मिले थे और उनसे धांधली की योजना बनाई थी। उन्होंने बताया कि ये दोनों लोग बीपीएससी, यूपीएससी जैसे परीक्षाओं के पेपर लीक करवाते हैं और इसके लिए स्टूडेंट्स से 30 से 32 लाख रुपए लेते हैं।
सिकंदर ने भी उनसे अपने बच्चे को एग्जाम पास करवाने के लिए सहमति ली और इस धांधली की योजना को शुरू किया।
मामले में अधिक जानकारी भी मिली है कि 4 मई की रात को यानी NEET एग्जाम से 1 दिन पहले सिकंदर चार बच्चों – आयुष राज, अनुराग यादव, शिवनंदन कुमार, और अभिषेक कुमार को उनके पास ले गया। इनमे से अनुराग यादव सिकंदर के साले संजीव कुमार का बेटा है।
अनुराग यादव की अनियमित प्रकिया
22 वर्षीय अनुराग यादव ने बताया कि उन्होंने NEET परीक्षा के बारे में बात की और पैसे के लिए तैयारी की। इसके बाद, वे रामकृष्ण नगर में परीक्षा देने गए, जहां उन्हें अमित आनंद और नीतीश कुमार ने परीक्षा के प्रश्न पत्र और उत्तर लेकर सभी की मदद की, ताकि सफलता प्राप्त की जा सके। उन्होंने प्रत्येक छात्र से 40-40 लाख रुपये की मांग की। इस दौरान, उन्हें बेली रोड पर शास्त्री नगर थाने के पुलिस ने दूसरे छात्रों के एडमिट कार्ड के साथ पकड़ लिया।
इसके अतिरिक्त, अनुराग ने बताया कि उन्हें एनएचएआई के गेस्ट हाउस में कमरा बुक करवाया गया था, जिसके रिकॉर्ड में उनका नाम, मंत्री जी का नाम और कमरे का नंबर 440 भी शामिल है। मंत्री जी की पहचान अभी तक स्पष्ट नहीं हुई है, लेकिन पुलिस इसे भी जांच रही है। इस मामले में यह चिंता का विषय है कि वहाँ केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के दावे के बावजूद कि परीक्षा में कोई धांधली या पेपर लीक नहीं हुआ है, लगातार नीट पेपर लीक संबंधित लोगों द्वारा सामने आया है।
बता दें की उनका परीक्षा केंद्र डीवाई पाटिल स्कूल में था और परीक्षा में उसी प्रश्न पत्र के प्रश्न आए थे। लेकिन उनके स्कोरकार्ड से पता चलता है कि उन्हें 720 में से केवल 185 अंक मिले थे, जोकि उनकी तैयारी के बावजूद कम थे।