भव्य द्विवेदी… द पब्लिकेट, इंदौर। देवी अहिल्या विश्व विद्यालय ( डीएवीवी ) के एमबीए डिपार्टमेंट के प्रथम वर्ष की परीक्षा के तीन पेपर हो लीक चुके है, जिसके बाद परीक्षा का चौथा पेपर लीक होने का मामला सामने आया है। बताया जा रहा है जिस विषय का पेपर लीक हुआ है, उस विषय की परीक्षा कल होने वाली है। विश्वविद्यालय को जब पेपर लीक की जानकारी लगी तो उन्होंने अपनी गलती न मानते हुए रातों-रात नया पेपर बनवा लिया। लेकिन सवाल यह की लगातार जो चार पेपर लीक हुए है, उनका जिम्मेदार कौन ?

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने एमबीए परीक्षा के पेपर लीक होने के मामले में प्रदर्शन किया था, जिसके बाद विश्वविधालय द्वारा नोटीस भी जारी हुआ था, जिसमें बताया गया था कि जिन विषय के पेपर लीक हुए है, उन विषय की परीक्षा वापस से होगी। इसके बाद भी चौथे पेपर ( आईटी एंड ई-बिजनेस फंडामेंटल ) का पेपर लीक हो गया। बताया जा रहा है आज रात के समय जब पेपर लीक की सूचना विश्वविद्यालय को लगी तो उन्होंने रातों-रात कमिटी बना कर नया पेपर बनवा लिया। सूत्रों ने बताया कि चौथा पेपर लीक होते ही दलाल 500 से लेकर 5000 तक में पेपर बेच रहे है, इसकी भनक विश्वविद्यालय को बखूबी है लेकिन वह इसे अनदेखा कर रहा है। लेकिन सवाल यह की लगातार जो चार पेपर लीक हुए है, उनका जिम्मेदार कौन ?

नहीं हो रही कार्रवाई

बताया जा रहा है वर्तमान में एक्ज़ामीनेशन डिपार्टमेंट की हेड रचना ठाकुर है। उनके नेतृत्व में सभी परीक्षा के पेपर बनते है। पहले पेपर विश्वविद्यालय में बनते है, इसके बाद पेपर थाने में जाते है। लेकिन मुद्दा यह है कि इतनी सख्ती के बीच भी पेपर लीक कैसे हो रहे है ? विशेष सूत्र बताते है रचना ठाकुर को कुलपति रेणु जैन का संरक्षण है जिसके चलते रचना ठाकुर पर कार्रवाई नहीं होती।

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