• मालवा उत्सव के पहला दिन हुई तेज बारिश
  • अतिथि पुष्वमित्र भार्गव, शंकर लालवानी और बालीपुर वाले महाराज भी बारिश मे भीग कर लौटे

द पब्लिकेट, इंदौर। मशहूर मालवा उत्सव जो हर वर्ष बड़े धूम धाम से होता है। इस वर्ष मालवा उत्सव का आगमन करने बारिश ने भी अपनी हाजरी दर्ज करी। हर वर्ष होने वाली प्रस्तुतियां भी रह गई और प्रस्तुतकरता भी निराश घर लौटे और हफ्तों की मेहनत पर पानी फिर गया।

बुधवार को अतिथि लगभग 8 बजे लाल बाग पहुंचे जहां उन्होंने कई लोगो से भेट की। जब वे स्टेज की तरफ आए वैसे ही 8.30 बजे के लगभग तेज बारिश चालू हो गई जिससे बचने के लिए सभी दुकानों के टेंट के अंदर चुप गए। प्रस्तुतकर्ताओं के लिए अलग से टेंट व्यवस्था तो की गई थी, लेकिन स्टेज को गीला होने से रोकने के लिए कोई तैयारी नहीं की गई थी। बारिश का पहला दौर खत्म होते ही जब सब लोग वापिस मंच के पास पहुंचे तब दीप-प्रज्वलन के पश्चात फिर से बारिश का दूसरा दौर चालू हुआ। तेज बारिश के चलते सारी प्रस्तुतित्यों को रुकवा दिया गया और अगले दिन करवाने का कहा, परंतु सवाल ये है की अगले दिन की प्रस्तुतियों के साथ पहले दिन की प्रस्तुतियां केस करवाई जाएंगे, हफ्तों से की गई मेहनत चली गई। एक आदिवासियों की प्रस्तुति बारिश में हुई, अधिकतर लोगों के जाने के बाद भी एक आदिवासी नृत्य समूह ने तेज बारिश में भी अपनी प्रस्तुति दी।

यहां बड़े उत्साह के साथ आयोजित होने वाला मध्य प्रदेश का महान सांस्कृतिक कार्यक्रम, सबसे जीवंत त्योहारों में से एक है जो शास्त्रीय नर्तकों, संगीतकारों, गायकों और अन्य लोक कलाकारों की प्रतिभा से जगमगाता है।

मालवा उत्सव कई कारीगरों को प्रोत्साहन देते हुए उन्हें अपना हुनर प्रदर्शित करने का मौका देता है। ये उत्सव हर वर्ष 2 दिन उज्जैन में और 5 दिन इंदौर के लाल बाग में आयोजित होता है।

बारिश का ये सिलसिला करीब 1.5 घंटे तक चला

सुबह मौसम पूर्वातुमान ( वेदर फोरकास्ट) में बारिश के आसार केवल 10% बताए जा रहे थे, आयोजक करताओ की सुविधाओ की कमी का एक बड़ा कारण ये भी हो सकता है।

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