द पब्लिकेट,मध्यप्रदेश। सीएम राइस स्कूलों के बाद अब मध्यप्रदेश सरकार ने 1 जुलाई से पीएम एक्सीलेंस कॉलेज खोलने की घोषणा की है। ख़ास बात ये भी है की यहां आने जाने के लिए बसों में विद्यार्थियों को केवल 1 रुपए शुल्क प्रतिदिन देना होगा और महीने के 30 रुपए। जिसे विद्यार्थियों को ये शुल्क कॉलेज प्रबंधन को चुकाना होगा। ये 55 जिलों में लागू किया जाएगा। इन सभी जिलों के कलेक्टरों और एक्सीलेंस कॉलेजों की प्रिंसिपल को बताया है की इस खर्च की जिम्मेदारी जनभागीदारी से की जाएगी।

जानिए,सीएम के निर्देश:

  • कॉलेजों को आवश्यक बजट उपलब्ध करवाया गया है।
  • विद्यार्थियों को महाविद्यालय आने-जाने के लिए बस सुविधा दिलवाई जाएगी।
  • उच्च शिक्षा, उद्योग, कृषि और अन्य संबंधित विभागों में ड्रोन के उपयोग और प्रशिक्षण के संबंध में रणनीति बनाकर कार्य किया जाएगा।
  • विमानन पाठ्यक्रमों के लिए की गई व्यवस्थाओं से विद्यार्थियों को अवगत कराया जाएगा।
  • प्रत्येक पीएम कॉलेज ऑफ़ एक्सीलेंस में भारतीय ज्ञान परंपरा केंद्र शुरू करने पर विचार होगा।
  • जहां-जहां हवाई पट्टियां हैं, वहां-वहां पायलट ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट, निकटवर्ती विश्वविद्यालय के माध्यम से डिग्री और डिप्लोमा कोर्स की व्यवस्था कि जाएगी।

राज्य सरकार द्वारा राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अतंर्गत प्रदेश के सभी जिलों में एक-एक प्रधानमंत्री कॉलेज ऑफ एक्सीलेन्स निर्माण करने हेतु स्वीकृति प्रदान की जा चुकी है।इससे एक बड़ी राहत ये देखने को मिलती है की स्कूल वैन और बसों द्वारा अभिभावकों से जो पैसे वसूल किए जाते है,ऑटो के महंगे किराए से बचने के लिए,पब्लिक ट्रांसपोर्टेशन की भीड़ से बचने के लिए ये बसें जो केवल विद्यार्थियों के लिए चलाई जाएगी, वो उनके लिए सुविधा और बचत दोनो को एक साथ प्राप्त करने में सहायक होगी।

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