• स्त्रियों के लिए अब सन्यास लेना भी खतरे से खाली नहीं
  • बीच रास्ते में बेल्ट से साध्वियों से की मारपीट
  • 15 साल की साध्वी सहित तीन साध्वियों के साथ आश्रम में हुआ सामूहिक बलात्कार

इस वक्त देश में लगभाग 20,000 से ज्यादा साधवियां है जो अपने सांसारिक जीवन का त्याग कर चुकी है। पर अब उनके लिए मोक्ष प्राप्ति भी सुरक्षित नहीं है। ऐसे मामले सामने आने के बाद चिंता का विषय उठता है की मोक्ष की प्राप्ति करने में भी अब खुद की सुरक्षा का बहुत ध्यान रखना होगा यहां तक की आश्रम पर भी भरोसा नहीं किया जा सकता है।

द पब्लिकेट से तनुश्री गुप्ता, भरूच। ताज मामला गुजरात के थाम-डेरोल रोड का है जहां पर 6 जैन साध्वियों के साथ एक व्यक्ति ने बत्तमीजी और बेल्ट से मारपीट कर डाली। मारपीट करने वाले आरोपी अल्ताफ हुसैन शैख (44) को पुलिस ने 28 मई को गिरफ्तार किया। पुलिस के अनुसार सुबह जब साध्वी डेरोल की और जा रही थी तो उन्होंने एक व्यक्ति को देखा जो उनके साथ साथ चल रहा था, साध्वियों की तपस्या में वह पुरुष से दूरी बनाए रखती है, इसलिए वह उससे दुर रही। लेकिन वह जब जानकर उनके पास आने लगा तो साध्वियों ने आपत्ति जताई। इसपर अल्ताफ भड़क गया फिर उन्हें गालियां देते हुए अपना पहना हुआ बेल्ट निकाल कर मारने लगा। इसी बीच विवाद देख पास में रहने वाले व्यक्ति ने आरोपी को पकड़ा। इतने में आरोपी ने झूमा-झटकी कर एक टेंपो पर संवार होकर भागने का प्रयास किया, लेकिन बाद में वह पकड़ा गया।

आरोपी अल्ताफ हुसैन शैख

पहले भी देखे गए इस प्रकार के मामले

2011 के अप्रैल माह में वडोदरा में 15 साल की साध्वी के साथ बलात्कार हुआ था। मामले में एक महिला सहित 5 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज हुआ था। जांच में सामने आया कि एक अन्य साधु निर्मल प्रभा के कहने पर चार लोगों ने 6 महीने तक साध्वी के साथ दुष्कर्म किया गया। पीड़ित साधवी के बारे में बताया गया कि 2010 में निर्मल प्रभा बच्ची को राजस्थान लाई थी, जहां उसने बच्ची को साधवी बना दिया गया। बाद में निर्मल ने महेंद्र नामक व्यक्ति से बच्ची का दुष्कर्म करवाया। इसके बाद फालना गांव में फिर उसके साथ दुष्कर्म किया गया। पीड़िता के अनुसार महेंद्र, अशोक और मुकेश के अलावा निर्मल प्रभा के ड्राइवर पप्पू ने भी उसके साथ दुष्कर्म किया था।

12 दिसंबर 2017 में बिहार के नवादा जिले में एक आश्रम में तीन साध्वियों के साथ सामूहिक दुष्कर्म हुआ था। इस दुष्कर्म में आश्रम संचालक भी शामिल थे। मामले में कल्पनाथ चौधरी, गिरिजाशंकर चौधरी, तपस्यानंद, अजीत चौधरी और दिलचंद पटेल के खिलाफ रिर्पोट दर्ज की गई थी। बताया गया कि घटना के बाद तीनों साध्वियां इतना डर सहम गई थी की वह बंगाल चली गई। बाद में आकर उन्होंने गोविंदपुर थाने में शिकायत दर्ज करवाई थी। जांच में सामने आया की तपस्यनंद, कल्पनाथ और दिलचंद तीनों साध्वियों को एक कमरे में ले जाते थे और बचे हुए दो आरोपी आश्रम के बाहर पिस्तौल लेकर गेट पर खड़े रहते थे।

मध्य प्रदेश के भिड़ में 2019 मार्च 18 को एक जैन साध्वी के साथ छेड़छाड़, अपहरण और हत्या का प्रयास करने जैसा हादसा हुआ था। साध्वी को मऊ कस्बे के कुछ अज्ञात लोगों ने उसके पिता के घर से अगवा कर लिया और पास में रहने वाले अशोक धोबी के घर लेकर गए और वहां पर पीड़िता के साथ गंभीर रूप से मारपीट की थी, जिसमें पीड़िता को तीन फ्रैक्चर हुए थे।

उत्तर प्रदेश के बागपत शहर में 2020 फरवरी को एक जैन साध्वी ने जैन मंदिर के साधु पर रेप और मारपीट का आरोप लगाया था। मामले में साध्वी की रिपोर्ट पर खेकड़ा थाने में साधु के खिलाफ केस दर्ज तो हुआ लेकिन आज तक पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं कर पाई।

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