द पब्लिकेट, भोपाल। मध्य प्रदेश सरकार द्वारा 2023 में शुरू की गई “सीखो कमाओ योजना” ने बड़ी संख्या में युवाओं को आकर्षित किया है, जिसमें कुल 9 लाख लोगों ने पंजीकरण कराया है। हालांकि, योजना के तहत अब तक केवल 250 लोगों को नौकरी मिल पाई है। इस योजना का उद्देश्य युवाओं को कार्य अनुभव और प्रशिक्षण प्रदान करना है, जिससे उन्हें भविष्य में बेहतर नौकरी के अवसर प्राप्त हो सकें।
इस योजना के तहत 700 लोगों ने अपनी इंटर्नशिप पूरी कर ली है और वर्तमान में 20,000 लोगों को विभिन्न उद्योगों में प्रशिक्षण दिया जा रहा है। योजना में 31,000 मध्य प्रदेश की इंडस्ट्रीज ने अन्य राज्यों के साथ मिलकर सहकारिता की है, जिससे प्रदेश के युवाओं को विविध प्रकार के उद्योगों में प्रशिक्षण का अवसर मिल रहा है।
“सीखो कमाओ योजना” के तहत राज्य सरकार, संबंधित उद्योग और छात्र-प्रशिक्षु के बीच समझौते पर हस्ताक्षर किए गए हैं।इस योजना में 12वीं कक्षा उत्तीर्ण उम्मीदवारों को 8,000 रुपये प्रति माह, आईटीआई प्रमाणपत्र धारकों को 8,500 रुपये, स्नातकों को 9,000 रुपये और उच्च योग्यता रखने वालों को 10,000 रुपये का मासिक भुगतान किया जाता है। यह योजना 18-29 वर्ष आयु वर्ग के मध्य प्रदेश निवासियों के लिए है। संबंधित उद्योग को स्टाइपेंड का केवल 25 प्रतिशत भुगतान करना होता है, जबकि बाकी का भुगतान सरकार द्वारा किया जाता है।
अब तक 700 प्रशिक्षुओं ने अपना प्रशिक्षण सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है और उनमें से 250 को विभिन्न उद्योगों में नौकरियां मिल गई हैं। अधिकांश प्रशिक्षुओं को विनिर्माण उद्योगों में शामिल किया गया है। हर्षिका सिंह ने कहा कि वे उन युवाओं का विवरण संकलित करने की प्रक्रिया में हैं जिन्हें नौकरियां मिली हैं, ताकि उनके काम की प्रकृति, वेतन पैकेज आदि की जानकारी प्राप्त की जा सके और भविष्य में भी उनकी सहायता की जा सके।
“सीखो कमाओ योजना” के माध्यम से राज्य सरकार ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है, जिसका उद्देश्य युवाओं को व्यावसायिक प्रशिक्षण और कार्य अनुभव प्रदान करना है। यह योजना न केवल युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने में सहायक है, बल्कि प्रदेश के आर्थिक विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। सरकार और उद्योगों के इस संयुक्त प्रयास से उम्मीद की जा रही है कि आने वाले समय में और अधिक युवाओं को रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे।