द पब्लिकेट,नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार अगस्त महीने में कई महत्वपूर्ण फैसले लेने की तैयारी में है। सूत्रों के अनुसार, इन फैसलों का मुख्य उद्देश्य शासन को मजबूत करना और जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा व्यवस्था को बेहतर बनाना है। हालांकि मोदी जी ने अपने तीसरे कार्यकाल में मंत्रिमंडल और शीर्ष नौकरशाही में बड़े बदलाव नहीं किए, लेकिन ऐसा लगता है कि अब वे कुछ बड़े कदम उठाने की योजना बना रहे हैं। नौकरशाही और विपक्ष का मानना था कि एनडीए सरकार गठबंधन की राजनीति के दबाव में आकर बड़े फैसले लेने से डर रही है। लेकिन अब यह धारणा बदलने वाली है।
संसद में युवा भाजपा नेताओं का रवैया और हाल के कैबिनेट फैसले इस बात के संकेत हैं कि अगस्त शासन में निर्णायक बदलावों का महीना होने वाला है। बीएसएफ महानिदेशक नितिन अग्रवाल को तत्काल प्रभाव से वापस उनके कैडर में भेजना इस बात का संकेत है कि मोदी सरकार इस महीने नौकरशाही में बड़े बदलाव करने की तैयारी में है। “मोदी जी का मानना है कि विपक्ष की आक्रामकता का जवाब आक्रामकता से ही दिया जाना चाहिए,” एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा। “वे न्यूटन के तीसरे नियम में विश्वास करते हैं, पहले में नहीं।”
जम्मू-कश्मीर की स्थिति पर भी सरकार की नजर है। सूत्रों के मुताबिक, खुफिया और सुरक्षा नेटवर्क को मजबूत किया जाएगा ताकि पाकिस्तान समर्थित आतंकवादी फिर से सिर न उठा सकें। राजनीतिक मोर्चे पर, भाजपा महाराष्ट्र और हरियाणा में सत्ता विरोधी लहर का सामना कर रही है। इसके अलावा, मुस्लिम धर्मगुरुओं के उद्धव ठाकरे को समर्थन देने की खबरें भी आ रही हैं, जिससे हिंदू वोट बंट सकता है।
15 अगस्त को लाल किले की प्राचीर से प्रधानमंत्री मोदी का भाषण बड़े बदलावों की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हो सकता है। उनका जोर योग्यता और परिवर्तन पर होने की उम्मीद है। एक वरिष्ठ मंत्री ने कहा, “मोदी जी पूरी ताकत से काम कर रहे हैं। जो लोग सोच रहे थे कि उन्होंने अपना जादू खो दिया है, वे गलत साबित होंगे।”