द पब्लिकेट,उत्तराखंड। केदारनाथ मंदिर को लेकर एक नया विवाद खड़ा हो गया है। ज्योतिर्मठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कई गंभीर आरोप लगाए हैं, जिससे राजनीतिक गलियारों में हलचल मच गई है।

मुंबई में शिवसेना नेता उद्धव ठाकरे से मुलाकात के बाद, स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने मीडिया से बात करते हुए कहा, “केदारनाथ में 228 किलो सोने का घोटाला हुआ है। यह बहुत गंभीर मामला है, लेकिन कोई इस पर ध्यान नहीं दे रहा।” उन्होंने आगे कहा, “अब वे दिल्ली में एक नया केदारनाथ मंदिर बनाना चाहते हैं। यह हिंदू धर्म के खिलाफ है। बारह ज्योतिर्लिंगों का स्थान पहले से निर्धारित है, उन्हें कहीं और नहीं बनाया जा सकता।”

इस बीच, दिल्ली के बुराड़ी में केदारनाथ मंदिर के भूमि पूजन समारोह में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री और कई विधायकों की उपस्थिति पर भी सवाल उठाए गए हैं। शंकराचार्य ने कहा, “यह एक निजी ट्रस्ट का कार्यक्रम था। सरकारी अधिकारियों का वहां जाना उचित नहीं था।” हालांकि, स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने स्पष्ट किया कि वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विरोधी नहीं हैं। “मैं पीएम मोदी का शुभचिंतक हूं,” उन्होंने कहा। यह विवाद तब शुरू हुआ जब दिल्ली में ‘श्री केदारनाथ धाम’ नाम से एक नए मंदिर का निर्माण शुरू किया गया। शंकराचार्य का कहना है कि यह मूल केदारनाथ मंदिर की गरिमा को कम करने का प्रयास है।

अब देखना यह होगा कि सरकार इन आरोपों पर कैसे प्रतिक्रिया देती है और क्या वास्तव में केदारनाथ में कोई घोटाला हुआ है। इस मामले में आने वाले दिनों में और भी नए मोड़ आ सकते हैं।

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